नई दिल्ली, 30 जुलाई 2025। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा की ओर से दायर उस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसमें उन्होंने उनके खिलाफ चल रही बर्खास्तगी प्रक्रिया को चुनौती दी है।

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जस्टिस वर्मा के खिलाफ यह कार्रवाई नकदी बरामदगी विवाद के बाद शुरू हुई थी। इस मामले की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय इन-हाउस जांच समिति ने संविधान के अनुच्छेद 124(4) के तहत उन्हें पद से हटाने की सिफारिश की थी।

सिफारिश को बताया ‘गैर-कानूनी’
जस्टिस वर्मा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में दलीलें पेश करते हुए कहा कि इन-हाउस कमेटी द्वारा न्यायाधीश को हटाने की सिफारिश करना कानूनन गलत है।

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