संयुक्त राष्ट्र/नई दिल्ली। भारत ने पाकिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक के दौरान तीखा हमला बोला है। भारत ने पाकिस्तान को “कट्टरता में लिप्त” और “लगातार कर्ज लेने वाला” देश करार देते हुए कहा कि जो देश सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं, उन्हें इसकी “गंभीर कीमत” चुकानी चाहिए। पाकिस्तान इस महीने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष है।
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भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वतनेनी हरीश ने यूएनएससी में दिए अपने बयान में स्पष्ट किया कि आतंकवाद को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का हवाला दिया, जिसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने ली थी।
हरीश ने कहा, “भारत एक परिपक्व लोकतंत्र और उभरती अर्थव्यवस्था है, जबकि पाकिस्तान आतंकवाद और कट्टरता से ग्रस्त है और लगातार IMF से कर्ज लेता रहता है।” उन्होंने यह भी बताया कि मई 2025 में IMF ने पाकिस्तान को लगभग 2.1 अरब डॉलर की सहायता दी है।
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पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने इस बैठक की अध्यक्षता करते हुए जम्मू-कश्मीर और सिंधु जल संधि का मुद्दा उठाया। भारत ने पलटवार करते हुए सिंधु जल संधि को निलंबित रखने की घोषणा कर दी, जब तक कि पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता।
भारत ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि वह एक ओर आतंकवाद को प्रश्रय देता है और दूसरी ओर वैश्विक मंचों पर शांति की बातें करता है। हरीश ने कहा, “यह अनुचित है कि कोई देश खुद ऐसे आचरण में लिप्त हो और दूसरों को उपदेश देता फिरे।”
बैठक में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस और अमेरिका की राजनयिक डोरोथी शिया ने भी भाग लिया। अमेरिका ने कहा कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम कराने में सहायक बना रहेगा।