धनबाद, झारखंड। 18 जुलाई 2025 झारखंड के धनबाद जिले में शराब घोटाले को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जहां कुछ समय पहले शराब व्यापारियों ने सरकारी स्टॉक ऑडिट में 800 से अधिक विदेशी शराब (IMFL) की बोतलों के गायब होने का दोष चूहों पर मढ़ दिया था, अब जांच में इस आरोप को बेबुनियाद और झूठा बताया गया है। उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की जांच रिपोर्ट में साफ हुआ है कि चूहों का कोई दोष नहीं है, बल्कि यह घोटाला मैनपावर आपूर्ति करने वाली एजेंसी की मिलीभगत से किया गया।
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राज्य सरकार की नई शराब नीति लागू होने से पहले जब स्टॉक का ऑडिट हुआ तो पाया गया कि बलियापुर और प्रधान खुंटा क्षेत्र की शराब दुकानों से 802 शराब की बोतलें गायब थीं या फिर खाली पाई गईं। इस पर दुकानदारों ने दावा किया कि चूहों ने शराब पी ली है। उन्होंने यह भी कहा कि चूहों ने ढक्कन काटकर शराब चट कर दी। इस हास्यास्पद दावे को अधिकारियों ने शुरुआत से ही संदेहास्पद माना और जांच के आदेश दिए।
अब विभाग की जांच रिपोर्ट में यह सामने आया है कि यह शराब चोरी की एक सुनियोजित साजिश थी, जिसमें धनबाद में कार्यरत मैनपावर एजेंसी मेसर्स आरके एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड की संलिप्तता पाई गई है। यह एजेंसी 31 जून 2025 तक झारखंड राज्य बेवरेजेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (JSBCL) के तहत शराब दुकानों के संचालन के लिए मैनपावर आपूर्ति का ठेका लिए हुए थी।