नई दिल्ली। रूस से कच्चा तेल और गैस खरीदने को लेकर नाटो प्रमुख मार्क रूटे (NATO Chief Mark Rutte) की चेतावनी पर भारत ने कड़ा जवाब दिया है। भारत ने साफ कर दिया है कि उसकी ऊर्जा सुरक्षा सर्वोपरि है और उसे किसी से यह सीखने की जरूरत नहीं कि वह तेल और गैस कहां से खरीदे।

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भारत के पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने इस मसले पर दो टूक कहा कि “हमारे बॉस का दिमाग किसी भी तरह के दबाव को महसूस करने के लिए नहीं बना है। भारत किसी के दबाव में फैसला नहीं करता, बल्कि राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए अपनी ऊर्जा रणनीति तय करता है।”

पुरी ने पश्चिमी देशों पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा, “जब यूरोपीय देश खुद रूस से एनर्जी खरीदते हैं, तब कोई सवाल नहीं उठता। लेकिन जब भारत अपने नागरिकों की जरूरतों के लिए सस्ता तेल खरीदता है, तब चेतावनियां दी जाती हैं। यह दोहरा रवैया नहीं चलेगा।”

उन्होंने यह भी कहा कि भारत की प्राथमिकता किफायती, भरोसेमंद और टिकाऊ ऊर्जा सुनिश्चित करना है और इसमें किसी भी तरह की विदेशी टिप्पणी को कोई महत्व नहीं दिया जाएगा।

गौरतलब है कि नाटो प्रमुख मार्क रूटे ने हाल ही में भारत सहित अन्य देशों को रूस से ऊर्जा खरीद पर चेतावनी दी थी, जिसे भारत ने “अवांछित हस्तक्षेप” करार दिया है। भारत पहले भी स्पष्ट कर चुका है कि वह अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए स्वतंत्र है और कोई भी बाहरी ताकत उसके फैसलों को प्रभावित नहीं कर सकती।

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