नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अब जल्द ही नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल के दायरे में आने वाला है। यह बहुप्रतीक्षित बिल बुधवार, 24 जुलाई को संसद में पेश किया जाएगा। इसके लागू होने के बाद बीसीसीआई को भी अन्य राष्ट्रीय खेल महासंघों (NSFs) की तरह देश के खेल कानूनों का पालन करना अनिवार्य होगा।

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खेल मंत्रालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि, “इस बिल के कानून बनते ही बीसीसीआई को भी उसी नियमावली और जवाबदेही के तहत संचालित होना होगा, जैसे अन्य खेल संगठनों को संचालित किया जाता है।”

यह बदलाव इसलिए भी अहम है क्योंकि क्रिकेट अब 2028 के लॉस एंजेलिस ओलंपिक में शामिल हो चुका है, जिससे बीसीसीआई भी ओलिंपिक मूवमेंट का हिस्सा बन गया है।

बिल का उद्देश्य और महत्व
खेल मंत्रालय द्वारा तैयार किया गया यह बिल देश के खेल संगठनों में पारदर्शिता, जवाबदेही और खिलाड़ियों की भलाई सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इस बिल के जरिए खेल संगठनों में समय पर चुनाव, प्रशासनिक सुधार, और मजबूत निगरानी ढांचे की व्यवस्था की जाएगी।

इस प्रस्तावित कानून के तहत सभी राष्ट्रीय खेल महासंघों को समय-समय पर सरकार द्वारा तय दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। इसमें खिलाड़ियों के चयन, प्रशिक्षण, वित्तीय पारदर्शिता और शिकायत निवारण की स्पष्ट व्यवस्था शामिल होगी।

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