silent heart attack : छले कुछ समय से भारत में हार्ट अटैक के मामले चिंताजनक रूप से बढ़ रहे हैं। अब सिर्फ बुजुर्ग ही नहीं, बल्कि युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। इस बदलते ट्रेंड के पीछे मुख्य कारण खराब लाइफस्टाइल और गलत खानपान को माना जा रहा है। हालांकि, इस बीच एक और गंभीर समस्या तेजी से सामने आ रही है, जिसे साइलेंट हार्ट अटैक कहा जाता है। इसे “मायोकार्डियल इन्फार्क्शन” के नाम से भी जाना जाता है।

silent heart attack : क्यों है यह युवाओं के लिए खतरा?

 

silent heart attack

यह हार्ट अटैक इतना खतरनाक इसलिए है, क्योंकि इसके लक्षण इतने हल्के होते हैं कि व्यक्ति को पता ही नहीं चल पाता कि उसे हार्ट अटैक आया है। यही वजह है कि इसे जानलेवा माना जाता है। इस विषय पर मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज में कार्डियक साइंस के सीनियर डायरेक्टर डॉ. वैभव मिश्रा ने कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी है।

डॉ. मिश्रा के अनुसार, साइलेंट हार्ट अटैक में सीने में तेज दर्द, सांस लेने में तकलीफ या पसीना आने जैसे आम लक्षण नहीं दिखाई देते। इसकी जगह व्यक्ति को हल्की बेचैनी, अपच या थकान महसूस हो सकती है, जिसे लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। यही लापरवाही बाद में गंभीर समस्या बन जाती है।

उन्होंने आगे बताया कि इस तरह के हार्ट अटैक का पता लगाने के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच बेहद जरूरी है। खासकर उन लोगों को ज्यादा सतर्क रहना चाहिए जिनके परिवार में हृदय रोग का इतिहास रहा हो, या जो डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और मोटापे जैसी बीमारियों से जूझ रहे हों। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और संतुलित आहार लेकर इस जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है।


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