चेन्नई। तमिलनाडु के तेनकासी जिले से आई एक प्रेरणादायक कहानी ने पूरे देश का दिल जीत लिया है। यहां की रहने वाली 49 वर्षीय अमुथावली ने अपनी बेटी के साथ मिलकर नीट (NEET) परीक्षा पास कर एक नया इतिहास रच दिया है। वर्षों पुराना डॉक्टर बनने का सपना अब साकार होने जा रहा है – वो भी अपनी ही बेटी के साथ।
मोहम्मद रफी पुण्यतिथि: जब एक गाने ने डूबता करियर फिर से चमका दिया
बेटी को पढ़ाते-पढ़ाते खुद बन गईं परीक्षार्थी
पेशे से फिजियोथेरेपिस्ट अमुथावली ने 15 साल पहले डॉक्टर बनने का सपना देखा था, लेकिन व्यक्तिगत और आर्थिक कारणों से वह इस सपने को साकार नहीं कर सकीं। हालांकि उन्होंने हार नहीं मानी। इस साल जब उनकी बेटी नीट की तैयारी कर रही थी, तब अमुथावली ने भी साथ में पढ़ना शुरू किया और आखिरकार परीक्षा देने का निर्णय लिया।
भारत पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का बड़ा फैसला, 1 अगस्त से 25% टैरिफ लगाने का ऐलान
मां-बेटी दोनों की हुई सफलता
दोनों ने NEET 2025 की परीक्षा दी और शानदार प्रदर्शन करते हुए उसे पास कर लिया। अब मां-बेटी दोनों ही MBBS की पढ़ाई एक साथ शुरू करेंगी, जो अपने आप में एक अनोखी उपलब्धि है।
प्रेरणा बनीं अमुथावली
अमुथावली की यह कहानी उन लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा है जो किसी कारणवश अपने सपनों को अधूरा छोड़ देती हैं। उन्होंने यह साबित कर दिया कि उम्र महज एक संख्या है, अगर जज्बा और मेहनत सच्ची हो, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता।
शिक्षा के क्षेत्र में मिसाल
तेनकासी की यह मां-बेटी की जोड़ी अब देशभर में चर्चा का विषय बन चुकी है। अमुथावली की सफलता ने यह संदेश दिया है कि सपनों की कोई उम्र नहीं होती, और यदि परिवार साथ हो तो हर बाधा को पार किया जा सकता है।