जांजगीर/ बलौदा – जिले से बड़ी खबर आ रही है, बलौदा जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत औराईकला में तात्कालीन सरपंच, उपसरपंच एवं सचिव के द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। इन तीनों के द्वारा मिलकर शासकीय राशि का बंदरबाट करते हुए लाखों रुपए की कमीशन खोरी की गई है। कोरोना कल जैसे महामारी को भी इन्होंने नहीं छोड़ा और इस आपदा को अवसर बनाते हुए शासकीय राशि में बंदरबांट की गई है।
मामला सामने आने के बाद इसकी लिखित शिकायत राज कुमार ठाकुर के द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बलौदा एवं कलेक्टर जांजगीर-चांपा से की गई जिसमें जांच भी किया गया और जांच में शिकायत को सही पाया गया। जांच के दौरान तत्कालीन सचिव बलवंत सिंह द्वारा खर्च की गई राशि के एवज में जारी बिल भी प्रस्तुत नहीं कर पाए और कई बिल भी किसी और के निकले।
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इस पूरे मामले में तत्कालीन उप सरपंच सुखमणि पटेल की भी संलिप्तता बताई जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार उप सरपंच पति द्वारा पैरा ढुलाई किया गया है जिसके लिए बिल भी प्रस्तुत किया गया था वह उनके पति के नाम का बताया जा रहा है। सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि उप सरपंच पति द्वारा दिए गए बिल में फर्म का नाम रामकृष्ण पटेल मटेरियल सप्लायर के नाम पर बिल प्रस्तुत किया गया है जिसमें लाखों रुपए का भुगतान किया गया है।
इसके अलावा जो बिल प्रस्तुत किए गए हैं वह भी फर्जी बताई जा रहे हैं। ऐसा ही एक बिल मां सती सेल्स के नाम से भी ग्राम पंचायत औराई कला में जमा की गई है जिसमें पता ग्राम सरखो, जिला – जांजगीर चांपा दर्शाया गया है। लेकिन जांच करने पर इस फर्म की कोई दुकान ही संचालित नहीं होना पाया गया। ऐसे में यह आरोप लग रहा है कि तात्कालीन सरपंच एवं सचिव के द्वारा जानबूझकर ऐसे फर्जी बिल दिए गए हैं जिसकी आड़ में लाखों रुपए की कमीशन खोरी की गई है।
क्या जनपद सीईओ का दोषियों को मिल रहा संरक्षण?
इस पूरे मामले में वर्तमान जनपद पंचायत बलौदा सीईओ नायक की कार्यशैली पर भी प्रश्न चिन्ह लग रहा है। शिकायतकर्ता का कहना है कि मामले की जांच को हुए लगभग 4 महीने बीत गए हैं जिसमें जांच में लिखा गया है कि पंचायत द्वारा राशि आहरण करने के लिए गलत बिल वाउचर प्रस्तुत किए गए हैं इसके अलावा जांच के दौरान सचिव द्वारा बिल वाउचर संबंधी कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया।
इसे स्पष्ट है कि कहीं ना कहीं कोरोना महामारी जैसे आपदा को भी अवसर बनाते हुए तत्कालीन सरपंच, उपसरपंच एवं सचिव द्वारा अपने पद एवं अधिकार का दुरुपयोग करते हुए शासकीय राशि का बंदरबांट किया गया है जिसके जांच होने के बाद भी जनपद सीईओ बलौदा द्वारा आखिरकार आगे क्यों कार्रवाई की जा रही है? यह शिकायतकर्ता के मन में बड़ा सवाल बनता जा रहा है, वही उनके कार्य शैली पर भी प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं।
जांच को प्रभावित करने वालों के विरुद्ध होगी शिकायत
इस पूरे मामले में शिकायतकर्ता राज कुमार ठाकुर का कहना है कि मेरे द्वारा दिए गए शिकायत में जांच की गई है जिसमें शिकायत को सही पाए जाने के बाद भी वर्तमान जनपद सीईओ बलौदा के द्वारा जांच को आगे बढ़ाने के बजाय मुझे गुमराह किया जा रहा है जो कि जिम्मेदार अधिकारी द्वारा अपने पद एवं अधिकार का दुरुपयोग करना स्पष्ट है। अगर इस मामले में अधिकारी द्वारा दोषियों के विरुद्ध निष्पक्ष कार्रवाई नहीं की गई तो मेरे द्वारा जल्द ही संबंधित अधिकारी के विरुद्ध उच्च अधिकारी को शिकायत करते हुए जांच कर कार्रवाई करने की मांग की जाएगी।