सक्ती – छत्तीसगढ़ में बिजली उपभोक्ताओं को आर्थिक राहत और पर्यावरण सुरक्षा का दोहरा लाभ देने वाली प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना तेजी से लोकप्रिय हो रही है। यह योजना उन परिवारों के लिए वरदान साबित हो रही है जो हर माह भारी-भरकम बिजली बिल की समस्या से जूझते रहे हैं। इसी योजना का लाभ डभरा निवासी श्री अनिल कुमार साहू को भी मिला है। उन्होंने इस योजना का लाभ उठाते हुए अपने घर की छत पर 3 किलोवॉट का सोलर रूफटॉप सिस्टम लगाया है। उन्होंने बताया कि सोलर प्लांट से गर्मी के दिनो में लगभग 16 से 18 यूनिट तक तो वहीं बरसात के दिनों में लगभग 10 से 12 यूनिट तक बिजली उत्पन्न हो रही है। उन्होंने बताया कि सात माह पहले अपने घर की छत पर सोलर रूफटॉप पैनल स्थापित कराया।
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श्री साहू जी ने बताया कि संयंत्र चालू होते ही उनके घर में बिजली उत्पादन शुरू हो गया और पहले ही महीने उनका बिजली बिल माइनस में चला गया। अब उनका बिजली बिल पूरी तरह से शून्य हो गया है। उन्होंने कहा कि पहले हर महीने बिजली का खर्च जेब पर भारी पड़ता था, लेकिन अब यह पूरी तरह समाप्त हो गया है। साथ ही ग्रिड को अतिरिक्त बिजली सप्लाई कर आमदनी का नया स्रोत भी बन गया है। इस सोलर संयंत्र पर उन्हें शासन की ओर से 78,000 रुपये की सब्सिडी प्राप्त हुई है और इस पर 10 वर्षों की गारंटी भी उपलब्ध है। श्री साहू जी ने बताया कि 2 से 3 वर्षों में संयंत्र की लागत पूरी तरह वसूल हो जाएगी और इसके बाद केवल बचत ही बचत होगी। उन्होंने इस योजना को पर्यावरण संरक्षण के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण बताया।
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सौर ऊर्जा के उपयोग से पारंपरिक ऊर्जा संसाधनों पर निर्भरता कम होगी और प्रदूषण नियंत्रण में मदद मिलेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह योजना हर घर को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। उन्होंने प्रदेशवासियों से इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील की है। आवेदन की प्रक्रिया सरल और ऑनलाइन प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना का लाभ उठाने के लिए उपभोक्ता वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं। पंजीयन के बाद अधिकृत वेंडर द्वारा सोलर संयंत्र की स्थापना की जाती है। संयंत्र के सत्यापन उपरांत निर्धारित सब्सिडी की राशि सीधे उपभोक्ता के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।