नई दिल्ली। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने कक्षा 8वीं की सामाजिक विज्ञान की किताब में मुगल शासकों की भूमिका को लेकर कई अहम बदलाव कर दिए हैं। नई किताब में बाबर को जहां ‘क्रूर विजेता’ बताया गया है, वहीं अकबर को ‘सहिष्णुता और क्रूरता का मिश्रण’ और औरंगजेब को ‘मंदिर और गुरुद्वारे तोड़ने वाला’ शासक कहा गया है।
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इन बदलावों के बाद नई किताबें बाजार में उपलब्ध करा दी गई हैं। हालांकि इस पर NCERT की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है कि ये संशोधन किस आधार पर किए गए। संभावना जताई जा रही है कि इसे लेकर आने वाले दिनों में विवाद खड़ा हो सकता है।
दिल्ली सल्तनत और मुगलकाल के अध्याय में बदलाव
किताब में दिल्ली सल्तनत और मुगल शासन काल की धार्मिक असहिष्णुता के उदाहरण दिए गए हैं। बाबर को ‘तुर्क-मंगोल सैन्य रणनीतिकार’ बताते हुए 1526 की पानीपत की लड़ाई में उनके क्रूर अभियान का उल्लेख किया गया है।
वहीं, अकबर के शासन को ‘क्रूरता और सहिष्णुता का मिला-जुला रूप’ कहा गया है। उदाहरण के तौर पर बताया गया कि 1568 में चित्तौड़गढ़ की घेराबंदी में हजारों नागरिकों की हत्या की गई थी।
औरंगजेब के संदर्भ में लिखा गया है कि उसने ‘मंदिर और गुरुद्वारे तुड़वाए और गैर-मुस्लिमों पर कर लगाया।’
विवाद से बचने के लिए किताब में दिया विशेष नोट
किताब में स्पष्ट किया गया है –
“पिछले समय की घटनाओं के लिए आज किसी को दोष नहीं देना चाहिए।”
NCERT का यह स्पेशल नोट माना जा रहा है कि संभावित विवाद को देखते हुए जोड़ा गया है।
फिलहाल, इस विषय पर शिक्षा विशेषज्ञों और इतिहासकारों में भी चर्चा शुरू हो गई है। सभी की नजर अब NCERT की औपचारिक प्रतिक्रिया पर टिकी हुई है।
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