“तुम मुझे यूं भुला न पाओगे…” जैसे अमर गीतों से लाखों दिलों पर राज करने वाले सुरों के सम्राट मोहम्मद रफी को आज उनकी पुण्यतिथि पर पूरा देश श्रद्धांजलि दे रहा है। 31 जुलाई 1980 को रफी साहब की मधुर आवाज हमेशा के लिए खामोश हो गई थी, लेकिन उनके गीत आज भी हर दिल में गूंजते हैं।
रफी साहब का करियर संगीत की ऊंचाइयों से गुजरा, लेकिन एक समय ऐसा भी आया जब उनका करियर ढलान पर था। उस समय नए गायक उभर रहे थे और रफी साहब को फिल्म इंडस्ट्री से कम ऑफर मिलने लगे थे। इसी दौरान एक फिल्म आई – धर्मेंद्र की ‘लैला मजनूं’, जिसका गाना “तेरे दर पे आया हूं…” रफी साहब ने गाया।
इस गाने ने न सिर्फ रफी साहब की आवाज को फिर से हर दिल तक पहुंचा दिया, बल्कि संगीत की दुनिया में उनकी बादशाहत को फिर से स्थापित कर दिया। धर्मेंद्र ने भी इस गाने को अपने करियर के सबसे खास गीतों में गिना था।
रफी साहब की सादगी, विनम्रता और सुरों की शुद्धता आज भी संगीत प्रेमियों को प्रेरणा देती है। उनकी आवाज में मोहब्बत, दर्द, भक्ति और उमंग का जो जादू था, वह आज भी उतना ही असरदार है जितना उनके ज़िंदा रहने के समय था।
आज उनकी पुण्यतिथि के मौके पर सोशल मीडिया पर #MohammedRafi ट्रेंड कर रहा है और संगीत प्रेमी उन्हें याद कर रहे हैं।