नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण हलफनामा दाखिल करते हुए बताया कि देशभर में 75,629 एकड़ रक्षा भूमि में से 2,024 एकड़ भूमि पर अवैध अतिक्रमण हो चुका है। साथ ही 1,575 एकड़ भूमि पर पूर्व कृषि पट्टेदारों का अनधिकृत कब्जा है। यह रिपोर्ट एनजीओ ‘कॉमन कॉज’ द्वारा 2014 में दायर जनहित याचिका पर दाखिल की गई।
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सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची शामिल हैं, को अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी और एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने सूचित किया कि अतिक्रमण हटाने के लिए कार्ययोजना बनाई गई है और इस प्रक्रिया की निगरानी हेतु एक नई समिति का गठन भी किया गया है।
स्कूल, पार्क और सरकारी परियोजनाएं भी घेरे में
रक्षा मंत्रालय की स्टेट्स रिपोर्ट के मुताबिक, 819 एकड़ भूमि स्कूल, पार्क, बस स्टैंड और सड़कों जैसी सार्वजनिक सुविधाओं के निर्माण के लिए विभिन्न सरकारी विभागों के अधीन है।
क्या है RTRM प्रणाली?
अतिक्रमण हटाने को प्रभावी बनाने के लिए डायरेक्टरेट जनरल डिफेंस एस्टेट्स (DGDE) ने ‘एन्क्रोचमेंट मॉड्यूल’ नामक एक डिजिटल प्रणाली शुरू की है। यह रियल-टाइम रिकॉर्ड मैनेजमेंट (RTRM) सिस्टम के तहत कार्य करता है, जिससे रक्षा संपदा अधिकारी (DEO) और कैंटोनमेंट बोर्डों के सीईओ अतिक्रमण की जानकारी पारदर्शी ढंग से रिकॉर्ड कर सकते हैं।