नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) के अधिकारियों और जवानों को एक बड़ी राहत देते हुए महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब यदि कोई जवान या अधिकारी ऑपरेशन के दौरान अंगों की हानि या स्थायी विकलांगता का शिकार होता है, तो उसे सेवा से बाहर नहीं किया जाएगा। उन्हें अन्य उपयुक्त इकाइयों में तैनात कर सेवा में बनाए रखा जाएगा और वे वेतन, भत्ते और पदोन्नति सहित सभी लाभों के पात्र बने रहेंगे।
यह घोषणा रविवार को CAPF के 87वें स्थापना दिवस के अवसर पर केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने की। उन्होंने कहा कि यह निर्णय सरकार की ओर से उन बहादुर जवानों के सम्मान में लिया गया है, जो ड्यूटी के दौरान गंभीर रूप से घायल होते हैं।
सेवा के दौरान सम्मान और सुरक्षा का भरोसा
गृह सचिव ने कहा, “गृह मंत्रालय ने यह फैसला किया है कि ऑपरेशन में घायल होकर अंग गंवाने वाले या विकलांगता झेल रहे अधिकारी और जवान सेवा से नहीं हटाए जाएंगे। उन्हें बलों की उपयुक्त इकाइयों में नियुक्त किया जाएगा और सेवानिवृत्ति तक उनके वेतन, भत्ते और सम्मान में कोई कटौती नहीं होगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार घायल जवानों के लिए अंग प्रतिस्थापन सर्जरी और पुनर्वास की वैश्विक सर्वोत्तम तकनीकों को लागू करेगी।
योजना के क्रियान्वयन के लिए समिति गठित
इस योजना को लागू करने के लिए CRPF के महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है। यह समिति योजना की रणनीति तय कर सरकार को सिफारिशें भेजेगी।
लंबे समय से जवानों को हो रही थी परेशानी
CAPF के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, पिछले वर्षों में सैकड़ों जवानों को ऑपरेशनों के दौरान गंभीर चोटें आई हैं, जिनमें अंगों की हानि और आंखों की रोशनी जाना शामिल है। हालांकि सेवा से हटाने के मामले कम रहे हैं, लेकिन कई जवानों की पदोन्नति इसलिए रुकी रह गई क्योंकि वे मौजूदा फिटनेस मानकों पर खरे नहीं उतरते थे।
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अब समिति इन मानकों में लचीलापन देने पर विचार करेगी ताकि ऐसे कर्मियों को न केवल सेवा में रखा जा सके, बल्कि वे पदोन्नति और अन्य लाभों के भी पात्र बने रहें।